भूलकर भी अपनी पत्नी से न कहें ये 3 बातें: कहते हैं कि पति-पत्नी का रिश्ता बहुत मजबूत होता है लेकिन इस रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए दोनों को ही मेहनत और प्रयास करने की जरूरत होती है। जो स्त्री अपना घर और रिश्ते-नाते छोड़कर आई है, उसके लिए उसका पति ही उसका स्वाभिमान होता है, इसलिए पति को कभी भी गुस्से में या मजाक में ऐसे शब्द नहीं कहने चाहिए जिससे आपकी पत्नी के स्वाभिमान को ठेस पहुंचे।
भारत में शादीशुदा जिंदगी की तुलना अक्सर एक गाड़ी से की जाती है जिसमें पति-पत्नी एक गाड़ी के पहिए होते हैं। अगर एक पहिया टूट जाए तो शादीशुदा जिंदगी की यह गाड़ी आगे नहीं बढ़ सकती। यही वजह है कि पति-पत्नी के बीच यह रिश्ता जितना मजबूत होता है, उतना ही नाजुक भी होता है। इस रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए दोनों को ही मेहनत और प्रयास करने की जरूरत होती है।
साथ रहते हुए पति-पत्नी के बीच मतभेद या झगड़े होना स्वाभाविक है, लेकिन पति को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि गुस्से में या मजाक में भी वह ऐसे शब्द न कहे जिससे यह मजबूत रिश्ता कमजोर पड़ जाए। जो स्त्री अपना घर और रिश्ते-नाते छोड़कर आई है, उसके लिए उसका पति ही उसका स्वाभिमान होता है। ऐसे में पति को कभी भी गुस्से में या मजाक में ऐसे शब्द नहीं कहने चाहिए जिससे आपकी पत्नी के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचे। यह कई बार बड़े विवाद की वजह बन सकता है और कई मामलों में रिश्ता टूटने की कगार पर आ जाता है। यहां हम आपको ऐसी 3 बातों के बारे में बताएंगे जो पति को अपनी पत्नी से कभी नहीं कहनी चाहिए।
रूप-रंग को लेकर मजाक
पति को कभी भी अपनी पत्नी के शारीरिक रूप-रंग को लेकर कोई अपशब्द या मजाक नहीं करना चाहिए क्योंकि यह महिला के लिए बहुत दुखदायी और शर्मनाक हो सकता है। पत्नी के मोटे, पतले या लंबे होने को लेकर मजाक में भी उस पर टिप्पणी करना बॉडी शेमिंग है जो किसी भी महिला को पसंद नहीं आएगा।
आपका यह छोटा सा मजाक या टिप्पणी आपकी पत्नी के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा सकती है। जब आप उसके शरीर के रूप-रंग को लेकर टिप्पणी करते हैं तो पत्नी में आत्मविश्वास की कमी होने लगती है और वह आपसे दूरी महसूस करने लगती है। इसलिए भूलकर भी अपनी पत्नी से ऐसी बातें न कहें।
किसी रिश्तेदार का नाम लेकर कटाक्ष
कभी भी अपनी पत्नी की उसके परिवार या रिश्तेदारों से नकारात्मक तुलना करने की गलती न करें। ऐसा अक्सर होता है जब पति अपनी पत्नी की तुलना उसके रिश्तेदारों से करता है और उसे ताना मारता है कि वह बिल्कुल उनके जैसी है। यह नकारात्मक तुलना पति-पत्नी के रिश्ते में कड़वाहट और नाराजगी पैदा कर सकती है। अगर आपकी पत्नी के परिवार में कोई ऐसा व्यक्ति है जिसका व्यवहार आपको ठीक नहीं लगता तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप उस बात को अपनी पत्नी पर हथियार की तरह इस्तेमाल करें क्योंकि यह हथियार आपकी पत्नी के दिमाग पर बहुत जोरदार वार करेगा और जिसका वार आपके रिश्ते को भी तोड़ सकता है।
माँ से तुलना
लगभग हर पति जाने-अनजाने में अपनी पत्नी की तुलना अपनी माँ से करता है लेकिन बार-बार की जाने वाली यह तुलना आपकी पत्नी को चिड़चिड़ाहट, शर्मिंदगी और गुस्से से भर सकती है। माँ के हाथ का बना खाना खाने से लेकर घर चलाने, बच्चों की परवरिश या मेहमाननवाज़ी तक, हर मोड़ पर महिलाओं को आमतौर पर अपने पति के मुँह से अपनी माँ की तुलना सुनने को मिलती है लेकिन किसी भी पत्नी को यह बात पसंद नहीं आती। आपकी माँ का व्यक्तित्व, परिस्थितियाँ और आदतें और आपकी पत्नी का व्यक्तित्व, परिस्थितियाँ और आदतें अलग-अलग हैं इसलिए आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप दो अलग-अलग व्यक्तियों की एक-दूसरे से तुलना न करें।
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